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शेरगढ़ तहसील सदैव ही शौर्य-भूमि रही है। यहां के लोगों ने अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए सदैव आगे बढ़कर अपना बलिदान दिया है। भारत की सभी तहसीलों में शेरगढ़ तहसील भारत को सबसे ज्यादा सैनिक देने वाली तहसील रही है।
द्वितीय विश्वयुद्ध, जो सन 1939 से 1945 के बीच निरंतर लड़ा गया था। उस में भी इस तहसील के सबसे ज्यादा सैनिक थे। राजपूतों के साथ दूसरे नंबर पर मेघवाल कौम थी, जिसने इस युद्ध में सबसे ज्यादा सैनिक दिए।
द्वितीय विश्वयुद्ध में मेघवाल समाज में पैदा हुए कुछ सैनिकों के नाम और उनके वीरता पदकों को यहां दिया जा रहा है। इन्होंने द्वितीय विश्वयुद्ध में अपना अद्वितीय पराक्रम और शौर्य दिखाकर कौम का नाम ऊंचा किया। उन सब को कोटि-कोटि नमन।
कुछ बहादुर सैनिक ये थे:-🏅
शेरगढ परगने के मेघवाल जिन्होंने द्वितीय विश्वयुद्ध (१ ९ ३ ९ -१९ ४५) में भाग लिया इतिहास रचा! उनका इस सीरीज में संक्षिप्त उल्लेख किया जाएगा। इस हेतु आगे की पोस्ट्स देखे।
शेरगढ़ तहसील के मेघवाल जिन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध 1939-1945 में भाग लेते हुए इतिहास रचा। इन सभी योद्धाओं को गैलेंट्री अवार्ड (वीरता पदक व पुरस्कार ) के साथ साथ अन्य कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया था। उन्होंने जर्मनी, इटली, जापान, अफ्रीका, नेफा आदि विभिन्न देशों में लड़ाई लड़ी।
1. धर्माराम जी केतु/सेतरावा
2. ओमप्रकाश सिंह
(उमा राम जी), तेना
3. ताजाराम जी, π
4. चोथा राम जी, π
5. अचला राम जी, π
6. भीखा राम जी, π
7. नैना राम जी, π
8. हेमा राम जी, π
9 घमण्डाराम, बिराई
10 प्रभुराम , बेलवा
11 खेताराम
12 पन्नाराम रायसर
13 पोकर राम केतु
14 जोराराम केतू
15 कासबराम
17 जवानाराम
18 खेताराम, ख़िरजा खास
19...
20....
40, 41, 42.....
और अन्य कई सैनिक थे, जो बहादुरी से लड़े और कईयों ने अपने प्राण-न्यौछावर कर वीरगति को प्राप्त हुऐ ..
यह भी जानकारी मे आया है कि सोमेसर के दौ मेघवाल नोजवान भी जापान बोर्डर पर शहीद हुऐ थे.. और भी ऐसे कंई बहादुर मेघवीर सैनिक थे जिनकी पूरी जानकारी अभी तक हमारै पास संकलित नही हो पाई है .. किसी के पास इन मेघवीरो के संदर्भ मे कोई भी जानकारी हो तो कृपया हमे प्रेषित करै ..
उन सभी मेघवीरों को कोटिशः नमन🙏🙏
* *
* **
कुछ के फोटो / पदक इस सीरीज में देखें और पढ़ें
शेरगढ़ तहसील सदैव ही शौर्य-भूमि रही है। यहां के लोगों ने अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए सदैव आगे बढ़कर अपना बलिदान दिया है। भारत की सभी तहसीलों में शेरगढ़ तहसील भारत को सबसे ज्यादा सैनिक देने वाली तहसील रही है।
द्वितीय विश्वयुद्ध, जो सन 1939 से 1945 के बीच निरंतर लड़ा गया था। उस में भी इस तहसील के सबसे ज्यादा सैनिक थे। राजपूतों के साथ दूसरे नंबर पर मेघवाल कौम थी, जिसने इस युद्ध में सबसे ज्यादा सैनिक दिए।
द्वितीय विश्वयुद्ध में मेघवाल समाज में पैदा हुए कुछ सैनिकों के नाम और उनके वीरता पदकों को यहां दिया जा रहा है। इन्होंने द्वितीय विश्वयुद्ध में अपना अद्वितीय पराक्रम और शौर्य दिखाकर कौम का नाम ऊंचा किया। उन सब को कोटि-कोटि नमन।
कुछ बहादुर सैनिक ये थे:-🏅
शेरगढ परगने के मेघवाल जिन्होंने द्वितीय विश्वयुद्ध (१ ९ ३ ९ -१९ ४५) में भाग लिया इतिहास रचा! उनका इस सीरीज में संक्षिप्त उल्लेख किया जाएगा। इस हेतु आगे की पोस्ट्स देखे।
शेरगढ़ तहसील के मेघवाल जिन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध 1939-1945 में भाग लेते हुए इतिहास रचा। इन सभी योद्धाओं को गैलेंट्री अवार्ड (वीरता पदक व पुरस्कार ) के साथ साथ अन्य कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया था। उन्होंने जर्मनी, इटली, जापान, अफ्रीका, नेफा आदि विभिन्न देशों में लड़ाई लड़ी।
1. धर्माराम जी केतु/सेतरावा
2. ओमप्रकाश सिंह
(उमा राम जी), तेना
3. ताजाराम जी, π
4. चोथा राम जी, π
5. अचला राम जी, π
6. भीखा राम जी, π
7. नैना राम जी, π
8. हेमा राम जी, π
9 घमण्डाराम, बिराई
10 प्रभुराम , बेलवा
11 खेताराम
12 पन्नाराम रायसर
13 पोकर राम केतु
14 जोराराम केतू
15 कासबराम
17 जवानाराम
18 खेताराम, ख़िरजा खास
19...
20....
40, 41, 42.....
और अन्य कई सैनिक थे, जो बहादुरी से लड़े और कईयों ने अपने प्राण-न्यौछावर कर वीरगति को प्राप्त हुऐ ..
यह भी जानकारी मे आया है कि सोमेसर के दौ मेघवाल नोजवान भी जापान बोर्डर पर शहीद हुऐ थे.. और भी ऐसे कंई बहादुर मेघवीर सैनिक थे जिनकी पूरी जानकारी अभी तक हमारै पास संकलित नही हो पाई है .. किसी के पास इन मेघवीरो के संदर्भ मे कोई भी जानकारी हो तो कृपया हमे प्रेषित करै ..
उन सभी मेघवीरों को कोटिशः नमन🙏🙏
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कुछ के फोटो / पदक इस सीरीज में देखें और पढ़ें
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